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राजधानी की ट्रैफिक व्यवस्था पूरी तरह भगवान भरोसे

राजधानी की ट्रैफिक व्यवस्था पूरी तरह भगवान भरोसे चल रही हैं। शहर के व्यस्त चौराहे और तिराहे पर लगी कई ट्रैफिक लाइट यातायात संचालन के काम तो कम और दुर्घटना का कारण ज्यादा बन रही हैं। स्थिति यह है कि शहर की वीवीआइपी सड़क हो या फिर स्टेट और नेशनल हाईवे, सभी जगह लगी ट्रैफिक लाइट पुरानी हो चुकी हैं। बिजली गुल होने पर ये लाइटें बंद हो जाती हैं। इसके बाद पुलिस को मैनुअली ट्रैफिक का संचालन करना पड़ता है। जबकि कभी रेड लाइट तो कभी ग्रीन लाइट का बल्ब फ्यूज हो जाता है। ऐसे ही हाल हरिद्वार हाईवे पर स्थित मथुरावाला चौक की लाइट पूरी तरह से बंद है। जिसको खराब हुए 1 महीने से ऊपर हो गया है। इसके बाद पुलिस को मैन्युअली ट्रैफिक का संचालन करना पड़ता है।भले ही पुलिस प्रशासन यातायात को लेकर बड़े बड़े दावे करता हो लेकिन चौराहों पर बंद पड़ी रेड लाईट पुलिस प्रशासन की पोल खोलता हुआ नजर आ रहा है

 

वही एसएसपी अजय सिंह का कहना है की यातायात कंट्रोल करने में ट्रेफिक लाइट का महत्वपूर्ण योगदान है क्योकि प्रत्येक चोहराये पर स्टाफ की कमी के कारन चोराहो पर पुलिस कर्मी खड़ा करना बड़ा मुश्किल है पिछले कुछ दिनों से सड़को पर निर्माण का कार्य होने के कारन कुछ ट्रेफिक लाइट ख़राब है लगभग 59 लाइट की रिपोर्ट हमने भेजी थी जिनमे से कुछ सही हो चुकी है लेकिन अभी भी कुछ मुख्य चोराहो पर ट्रेफिक लाइट खराब है अभी पुलिस प्रशासन , होमगार्ड व पीआरडी के जवानो को लगाकर ट्रेफिक को सुचारु कराया जा रहा है