उत्तराखंड में 2006 से लड़कियां बेच रहा था आलोक, पत्नी चलाती थी सेक्स रैकेट
हरिद्वार: उत्तराखंड में गरीब परिवारों की बेटियां मानव तस्करों के निशाने पर हैं।
यहां की बेटियां न सिर्फ दूसरे राज्यों में बेची जा रही हैं, बल्कि दूसरे राज्यों से भी बेटियों को बहला-फुसलाकर उन्हें गंदे धंधों में झोंका जा रहा है। हरिद्वार पुलिस ने एक ऐसे ही मामले का पर्दाफाश करते हुए दो सगी नाबालिग बहनों को मानव तस्करों के चंगुल से छुड़ाया। एएचटीयू की टीम ने इस मामले में गिरोह के लीडर सहित छह आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपी इन बच्चियों को देह व्यापार के धंधे में धकेलना चाहते थे। मंगलवार को रोशनाबाद पुलिस कार्यालय में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रमेंद्र डोबाल ने मामले का पर्दाफाश किया। उन्होंने बताया कि संजय नगर स्थित एक मकान में दो नाबालिग बहनों को बंधक बनाकर रखा गया था। दोनों को जिस्मफरोशी के धंधे में धकेलने की तैयारी थी। जानकारी के मुताबिक प्रयागराज से दो सगी बहनें भागकर दिल्ली आई हुई थीं।
आरोपी आलोक ने उन्हें नौकरी देने का झांसा दिया और हरिद्वार ले आया। यहां टिबड़ी में अपने किराये के मकान में उन्हें रख लिया। आरोपी ने जिस्मफरोशी की एवज में रोजाना 10 हजार मिलने की बात दोनों को कही। आरोपी की पत्नी उन्हें देह व्यापार में धकेलने के लिए कुछ लोगों से बात करने गई थी। बच्चियों की किस्मत अच्छी थी जो पुलिस को मामले की भनक लग गई। इस मामले में पुलिस ने महिला सहित छह आरोपियों को पकड़ लिया। मुख्य आरोपी की पत्नी फरार है, उसकी तलाश की जा रही है। इस मामले आरोपी गैंग लीडर आलोक, प्रवीण, पूजा, रामकुमार, अनस, अनवर अंसारी को गिरफ्तार किया गया है। आरोपी आलोक साल 2006 से हरिद्वार में लड़कियां और महिलाएं सप्लाई करने का काम करता आ रहा था। जबकि आरोपी पूजा आगे पैसे लेकर शादी करवाती थी। यही नहीं उन्हें बेच भी दिया जाता था। फिलहाल सभी आरोपी पुलिस की गिरफ्त में हैं।