आरक्षण के मुद्दे पर सदन में सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच हुई गरमा गरम बहस
उत्तराखंड विधानसभा के बजट सत्र के चौथे दिन नियुक्तियों में आरक्षण के मुद्दे पर सदन में सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच गरमा गरम बहस हुई । विपक्ष ने सदन में आरक्षण के मुद्दे को उठाया। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि आरक्षण संवैधानिक अधिकार है। लेकिन नियुक्तियों में आरक्षण की अनदेखी की जा रही है आरक्षण के नियमों की अवहेलना की जा रही है। यशपाल आर्य ने कहा कि कई नियुक्तियों में आरक्षण शून्य है , और कई नियुक्ति में नियमों की अनदेखी की गई है और उसके मुताबिक आरक्षण नहीं दिया गया है। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य का कहना है कि सदन में जब सवाल उठाया गया तो सरकार जवाब देने से बच रही है। यशपाल आर्य ने कहा कि सामाजिक न्याय और मौलिक अधिकारों की रक्षा कौन करेगा उसकी आवाज कौन बनेगा। चाहे ओबीसी अभ्यर्थी हो जनजाति अभ्यर्थी हों सरकार उन्हें आरक्षण से वंचित कर रही है। बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर का जो सपना था उससे वंचित करना चाहती है। यशपाल आर्य का कहना है कि जब सदन के भीतर यह सवाल उठाया गया तो सरकार के पास इसका कोई जवाब नहीं था।
वही नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य के आरोपों का जवाब देते हुए संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि सदन में विपक्ष की नकारात्मक प्रवृत्ति नजर आती है पहले तो सवाल करते हैं और जब सत्ता पक्ष की तरफ से उसका जवाब देने के लिए कोई खड़ा होता है तो फिर उसे सुनते नहीं है। सदन में सभी मंत्री बहुत बेहतर तरीके से जवाब दे रहे हैं लेकिन विपक्ष सच सुनना नहीं चाहता। आरक्षण के मुद्दे पर सत्ता पक्ष की तरफ से पूरा जवाब दिया गया कि सरकार किस तरीके से संवैधानिक मूल्यों के आधार पर आरक्षण दे रही है। लेकिन विपक्ष सत्य से परे बात कर रहा और सदन को गुमराह कर रहा। नियुक्तियों में भी रिक्ति के सापेक्ष आरक्षण दिया जाता है।