हाईकोर्ट को लेकर गरमाया माहौल
हाईकोर्ट शिप्टिंग की कवायद पर रार थमने का नाम नहीं ले रही है। कुमाऊं से हाईकोर्ट शिफ्ट किए जाने की सुगबुगाहट पर वकीलों, सामाजिक, राजनीतिक चिंतकों के साथ साथ अन्य वर्ग भी मुखर हो गए हैं। उनका साफ कहना है कि हाईकोर्ट के बहाने लोगों को कुमाऊं और गढ़वाल में बांटने की साजिश हो रही है। कुमाऊं से पहले ही कई बड़े संस्थान और निदेशालय, उद्यान निदेशालय शिफ्ट हो चुके हैं। श्रम, सेवायोजन, उच्चशिक्षा निदेशालयों के उच्चाधिकारी देहरादून में बैठकर काम कर रहे हैं। एम्स गढ़वाल में स्थापित किया गया है। हाईकोर्ट शिफ्ट होने पर कुमाऊं में क्या बचेगा।
मेधावी छात्र छात्रों को किया गया सम्मानित
वहीँ हाई कोर्ट शिप्टिंग को लेकर राजनीती शुरू हो गई है। बीते दिनों कांग्रेस विधायक सुमित हृदयेश ने सरकार पर आरोप लगाया है कि नैनीताल हाईकोर्ट से कुमाऊं का नाम जुड़ा था, लेकिन अब सरकार उसको भी ऋषिकेश में शिफ्ट कर कुमाऊं गढ़वाल के क्षेत्रवाद को बांट रही है।
तो वहीँ उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने सीएम पुष्कर सिंह धामी को नैनीताल हाईकोर्ट शिफ्ट मामले पर एक पत्र लिखा है। भगत सिंह कोश्यारी ने उत्तराखंड के हाईकोर्ट को नैनीताल से हल्द्वानी शिफ्ट किए जाने पर अपनी राय मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को दी है।
वहीँ इस पूरे मामले पर भाजपा प्रवक्ता विपिन कैंथोला ने कहा की हाई कोर्ट का जो मसला है उसमे न्यायालय ने कमेटी बनाई है जिस कमेटी में पूर्व नयाधिश होंगे कई जनप्रतिनिधि भी होंगे साथ ही बार काउंसिल के मेंबर के साथ अन्य लोग भी कमेटी में शामिल होंगे। कमेटी ही निर्णय लेगी।विपिन कैंथोला ने आगे कहा की अभी सरकार को सिर्फ प्रस्ताव मिला है और सर्कार इस पर काम कर रही है। अभी कुछ भी फाइनल नहीं हुआ है की हाई कोर्ट के लिए भूमि कहा चिन्हित हुई है। विपक्ष सिर्फ भ्रम फैलाने का काम कर रहा है।