प्रशासकों का कार्यकाल बढ़ाने को लेकर कांग्रेस लगातार सरकार पर साध रही निशाना
उत्तराखंड में नगर निकाय के चुनाव को लेकर लगातार संशय बना हुआ है. पिछले कई महीनो से राज्य में निकायों के चुनाव पर कसरत चल रही है, लेकिन सरकार अब तक इसके लिए फाइनल स्टेज तक औपचारिकताओं को नहीं पहुंचा पाई है. इसका नतीजा यह रहा कि लगातार नगर निकाय के चुनाव पर संशय बना हुआ है और सरकार अब तक इस पर चुनाव कराने की कोई तारीख तय नहीं कर पाई है. बड़ी बात यह है कि यह मामला हाई कोर्ट तक भी पहुंचा है. हाई कोर्ट की तरफ से भी निकाय चुनाव कराए जाने से जुड़े कुछ महत्त्वपूर्ण दिशा निर्देश दिए गए हैं.लेकिन बावजूद इसके प्रशासकों को कार्यकाल तीन महीने के लिए फिर बढ़ा दिया गया है । प्रशासकों का कार्यकाल बढ़ाने को लेकर कांग्रेस लगातार सरकार पर निशाना साध रही है ।
मलिन बस्तियों हेतु कॉर्पस फण्ड के निर्माण के निर्देश
कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता शीशपाल सिंह बिष्ट का कहना है की भाजपा कह रही है कि प्रशासकों का कार्यकाल इसलिए बढ़ाया जा रहा है ताकि विकास कार्य को गति दी जा सके लेकिन 7 साल से प्रचंड बहुमत की सरकार राज्य में है तब से क्यों विकास के कार्यों को गति नही दी गई । उन्होंने कहा की ये तो राजधानी देहरादून और मैदानी क्षेत्रों के निकायों का हाल हैं ।आप पर्वतीय क्षेत्रों में जाइए वहां न स्ट्रीट लाइट है , न नए पार्क बने हैं न पुराने पार्कों का सौंदरीकरण हुआ है ,सफाई की व्यवस्था है नहीं और निकायों में जिस तरीके से स्वच्छता समिति के नाम पर घपला हुआ है उसपर जनता सवाल पूछ रही है इसीलिए चुनाव करने से सरकार दर रही है ।उन्होंने कहा की एक तरफ मंत्री बयान देते हैं की हम चुनाव के लिए पूरी तरीके से तैयार हैं वहीं दूसरी तरफ प्रशासकों का कार्यकाल लगातार बढ़ाया जा रहा है जो दर्शाता है की भाजपा और सरकार में चुनाव को लेकर घबराहट है।