उत्तराखंडदेहरादूनपरिवहन

जुगाड से चल रहें है वाहन,परिवहन विभाग हुआ सख्त

जिले के विभिन्न इलाके में चल रहे जुगाड़ वाहन नियम-कानून की धज्जियां उड़ा रहे हैं। जिले में सैकड़ों वाहन बिना किसी दस्तावेज के दौड़ रहे हैं। इन जुगाड़ वाहनों पर लंबी-लंबी पाइप या सेनेटरी का समान आदि की ढुलाई की जाती है। शहर में बिल्डिग मैटेरियल वाले इन गाड़ियों की सेवा लेते हैं। इन्हीं गाड़ियों से बिल्डिग मैटेरियल वाले भी अपना सामान लोड कर भेज देते हैं। क्षेत्र में ऐसी गाड़ियों से कभी कभार पैसेंजर व मजदूरों को भी ढोया जाता है। क्षेत्र में भी ऐसी गाड़ियां दिखती हैं, जो बक्से व अन्य सामान ढोती है। कुल मिलाकर शहर से लेकर गांव तक सैकड़ों की संख्या में जुगाड़ गाड़ी चल रहे हैं। इस तरह की गाड़ियों से आए दिन कही न कहीं सड़क दुर्घटना होती रहती है। कई बार तो लोगों की जान तक चली जाती है।

 

शीतकाल के लिए चारों धामों के कपाट बंद करने की तिथि एवं मुहूर्त हुए तय

वातावरण में जहर घोल रहे इन जुगाड़ वाहनों में 15 से 20 साल पुराने खटारा स्कूटरों, मोटर साइकिलों के इंजन लगाए जाते हैं। एक जुगाड़ एक लीटर ईधन में 25 से 30 किलोमीटर चलता है। सामान्य रिक्शे में पुराने स्कूटर का इंजन फिट कर बनने वाला जुगाड़ 12 हजार रुपये में तैयार हो जाता है। देहात क्षेत्रों में तो पंपिग सेट का इंजन फिट कर जुगाड़ तैयार किए जाते हैं।

बिना रोड टैक्स के दौड़ते जुगाड़ वाहन : मोटर व्हीकल एक्ट के अनुसार जुगाड़ किसी वाहन की श्रेणी में नहीं आते हैं। आम वाहनों के लिए रोड टैक्स, इंश्योरेंस फिटनेस सहित तमाम तरीके टैक्स देय होते हैं मगर इन वाहनों के चालक कोई टैक्स नहीं देते। नये वाहन एक्ट के अनुसार सड़क पर बिना पंजीयन कोई गाड़ी चलाना अपराध है। वही इस शैलेश तिवारी परिवर्तन आरटीओ का कहना है कि जो भी व्यक्ति गाड़ी को मोडिफाइड करके चलाएगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *